What Is AI? AI क्या है क्या आप जानते हो? Artificial Intlegent (AI) का हमारे जीवन में क्या उपयोग हैं

What is AI?

What Is AI? आइये AI क्या होता है, जानेंगे इस blog में |

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) एक ऐसी तकनीक है जिसमें मानव जैसी समस्या-समाधान क्षमताएँ होती हैं। AI क्रियाशील होने पर मानव बुद्धिमत्ता का अनुकरण करता हुआ प्रतीत होता है – यह छवियों को पहचान सकता है, कविताएँ लिख सकता है, और डेटा-आधारित भविष्यवाणियाँ कर सकता है।

What is AI?

1. History Of AI,

वर्ष 2022 से अब तक  ChatGPT ने तहलका मचा रखा है । ChatGPT का इस्तेमाल करके हम बहुत सारें काम आसानी से कर सकते हैं।

AI का तात्पर्य मशीनों, विशेषकर कंप्यूटरों द्वारा मानव खुफिया प्रक्रियाओं के अनुकरण से है। इसमें एल्गोरिदम और मॉडल बनाना शामिल है जो मशीनों को ऐसे कार्य करने में सक्षम बनाते हैं जिनके लिए आमतौर पर मानव बुद्धि की आवश्यकता होती है।

इन कार्यों में तर्क करना, सीखना, समस्या-समाधान, प्राकृतिक भाषा को समझना और धारणा शामिल है। सीधे शब्दों में कहें तो AI मशीनों को मानवीय विचार प्रक्रियाओं की नकल करने और डेटा के आधार पर निर्णय लेने की अनुमति देता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” शब्द का अविष्कार 1956 में John McCarthy ने किया था. John McCarthy को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जनक भी कहा जाता है.

वर्ष 1966 में, वैज्ञानिकों ने ऐसे algorithm को विकसित करना शुरू किया जो गणितीय समस्याओं को हल कर सकते थे। इसी वर्ष में Joseph Weizenbaum के द्वारा पहले चैटबॉट (chatbot) का आविष्कार किया गया जिसका नाम एलिसा (Elisa) रखा गया।

वर्ष 1972 में, जापान के द्वारा पहला बुद्धिमान ह्यूमनॉइड रोबोट (intelligent humanoid robot) बनाया गया जिसका नाम WABOT-1 था।

वर्ष 1980 में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस Expert system के साथ आया। एक्सपर्ट सिस्टम इन्सान की तरह सोचने और निर्णय लेने में सक्षम था।

अमेरिका ने वर्ष 1980 में ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन (National Conference) स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय (Stanford University) में organize किया था।

वर्ष 1997 में, IBM Deep Blue ने विश्व शतरंज चैंपियन को हराया। IBM Deep Blue पहला कंप्यूटर था जिसने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके किसी विश्व शतरंज चैंपियन को हराया हो। 

वर्ष 2002 में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने वैक्यूम क्लीनर (vacuum cleaners) के रूप में आया जिसका नाम Roomba था।

ठीक चार साल बाद यानी वर्ष 2006 में AI बिजनेस की दुनिया में आ गया। फेसबुक, ट्विटर और नेटफ्लिक्स जैसी बड़ी कंपनियों के आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का उपयोग करना शुरू कर दिया।

वर्ष 2011 तक AI तकनीक काफी एडवांस और मॉडर्न हो चुकी थी। क्योंकि इस समय वह पहेलियों को सुलझाने और कठिन समस्याओं को समझने में  समर्थ हो चुकी थी। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मुश्किल सवालों को जल्दी हल करने में सक्षम हो चूका था।

वर्ष 2012 में, गूगल ने Google now नाम के app को विकसित किया जो यूजर को भविष्यवाणी के रूप में जानकारी दे सकता था।

वर्ष 2014 में, AI तकनीक के माध्यम से चैटबॉट को develop किया गया जो लोगो की समस्याओ को सुनकर उनका समाधान करते थे।

वर्ष 2020 में, Baidu ने LinearFold AI अल्गोरिथम को रिलीज़ किया, इस अल्गोरिथम का इस्तेमाल कोरोना की वैक्सीन बनाने के लिए किया गया.

वर्ष 2022 में, ChatGPT ने तहलका मचा दिया। ChatGPT का इस्तेमाल करके हम बहुत सारें काम आसानी से कर सकते हैं।

2. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के 7 प्रकार

What is AI? Do you know that? AI के बारे में कुछ और बातेंः

1. AI एक ऐसी तकनीक है जिसमें मानव जैसी समस्या-समाधान क्षमताएं होती हैं. 

2. AI, छवियों को पहचान सकता है, कविताएं लिख सकता है, और डेटा-आधारित भविष्यवाणियां कर सकता है. 

3. AI का आरंभ 1950 के दशक में ही हो गया था, लेकिन इसकी महत्ता को 1970 के दशक में पहचान मिली. 

4. जापान ने सबसे पहले इस ओर पहल की और 1981 में फ़िफ़्थ जनरेशन नामक योजना की शुरुआत की थी. 

5. ब्रिटेन ने इसके लिए ‘एल्वी’ नाम का एक प्रोजेक्ट बनाया. 

6. यूरोपीय संघ के देशों ने भी ‘एस्प्रिट’ नाम से एक कार्यक्रम की शुरुआत की थी. 

Types of AI

  1. संकीर्ण एआई (Narrow AI):  बहुत विशिष्ट कार्यों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया एआई; स्वतंत्र रूप से सीखने में असमर्थ।
  2. कृत्रिम सामान्य बुद्धिमत्ता:  कृत्रिम बुद्धिमत्ता को मनुष्यों के समान स्तर पर सीखने, सोचने और प्रदर्शन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  3. कृत्रिम सुपरइंटेलिजेंस: कृत्रिम  बुद्धि (AI) जो मानव के ज्ञान और क्षमताओं को पार करने में सक्षम है।
  4. रिएक्टिव मशीन एआई:  एआई वास्तविक समय में बाहरी उत्तेजनाओं पर प्रतिक्रिया करने में सक्षम है; भविष्य के लिए स्मृति बनाने या जानकारी संग्रहीत करने में असमर्थ है।
  5. सीमित मेमोरी एआई:  एआई जो ज्ञान को संग्रहीत कर सकता है और इसका उपयोग भविष्य के कार्यों के लिए सीखने और प्रशिक्षण के लिए कर सकता है।
  6. माइंड एआई का सिद्धांत:  एआई जो मानवीय भावनाओं को समझ सकता है और उन पर प्रतिक्रिया दे सकता है, साथ ही सीमित मेमोरी वाली मशीनों के कार्य भी कर सकता है।
  7. स्व-जागरूक एआई:  वह एआई जो दूसरों की भावनाओं को पहचान सके , साथ ही स्वयं की समझ और मानव-स्तर की बुद्धिमत्ता रखता हो; यह एआई का अंतिम चरण है।

3. Machine Learning: A Key Component of AI

मशीन लर्निंग (ML) कंप्यूटर विज्ञान की एक शाखा है. यह आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) का एक हिस्सा है. 

मशीन लर्निंग में, एल्गोरिदम को बड़े डेटा सेट से पैटर्न और सहसंबंध खोजने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. इसके बाद, इन पैटर्न और विश्लेषण के आधार पर सर्वोत्तम निर्णय और भविष्यवाणियां की जाती हैं

मशीन लर्निंग के ज़रिए, कंप्यूटर को मानव मस्तिष्क की तरह सोचने और काम करने की क्षमता मिलती है

What is AI? kya apko pata hai machine bhi learning kar sakti hai. मशीन लर्निंग के बारे में कुछ और बातेंः

  • मशीन लर्निंग में, कंप्यूटर को डेटा दिया जाता है और वह उस डेटा में मौजूद पैटर्न या डेटा पॉइंट्स को गणित की मदद से समझता है. 
  • मशीन लर्निंग में, एल्गोरिदम, आंकड़ों से पैटर्न सीखते हैं और बिना स्पष्ट रूप से प्रोग्राम किए गए काम करने में सक्षम होते हैं. 
  • मशीन लर्निंग सिस्टम का प्रदर्शन, अनुभव और आंकड़ों से बेहतर होता जाता है. 
  • मशीन लर्निंग सिस्टम के कुछ प्रकार हैं, जैसे कि सुपरवाइज़्ड लर्निंग, अनसुपरवाइज़्ड लर्निंग, रीइन्फ़ोर्समेंट लर्निंग, जनरेटिव एआई

Machine Learning in Hindi – मशीन लर्निंग क्या है?

  1. Machine learning AI का एक प्रकार है जिससे मशीन अपने experience (अनुभवों) और data की मदद से अपने-आप सीखता है और चीजों को predict करता है।
  2. दूसरे शब्दों में कहें तो, “मशीन लर्निंग एक study है जो कंप्यूटरों को खुद से learn करने की क्षमता प्रदान करता है।”
  3. जैसे हम इन्सान चीजों को अपने अनुभव से सीखते है वैसे ही मशीन या कंप्यूटर बिना इन्सान की मदद से खुद से सीखते है। मशीन या कंप्यूटर की खुद से learn करने की ability (काबिलियत) मशीन लर्निंग कहलाती है.
  4. Machine learning का अविष्कार 1959 में Arthur Samuel ने किया जाता था.
  5. मशीन लर्निंग की मदद से मशीन predictions (भविष्यवाणी) करती है और बहुत ही महत्वपूर्ण decisions (निर्णयों) को लेती है.
  6. मशीन लर्निंग computer science की एक ऐसी branch है जो मशीन को यह क्षमता प्रदान करती है की वह अपना काम खुद से ही कर पाए और खुद से ही अपने आपको develop (विकसित) कर सके।
  7. Machine learning मशीन को मनुष्य की तरह सोचने , समझने और सीखने में सक्षम बनाता है ताकि सिस्टम या मशीन मनुष्य की तरह ही किसी काम को सोच समझकर आसानी से पूरा कर पाए।
  8. मशीन लर्निंग में कंप्यूटर या मशीन को बेहतर बनाने के लिए algorithms का प्रयोग किया जाता है जो सिस्टम को सोचने और समझने की छमता प्रदान करता है। इसके algorithm का प्रयोग बहुत से कार्यो में किया जाता है जैसे -medicine, email filtering, speech recognition, और computer vision आदि .

There are three main types of machine learning:

  • Supervised Learning: The algorithm learns from labeled data (data with known outcomes) to make predictions.
  • Unsupervised Learning: The algorithm finds hidden patterns or structures in data without predefined labels.
  • Reinforcement Learning: The machine learns by interacting with its environment and receiving feedback, rewarding successful actions.

Supervised learning in Hindi – सुपरवाइज्ड लर्निंग क्या है?

  • Supervised learning मशीन लर्निंग का एक प्रकार है जिसमें labeled data का इस्तेमाल मशीन को training (प्रशिक्षण) देने के लिए किया जाता है।
  • इसमें मशीन data sets को समझने के लिए labeled data का इस्तेमाल model को create करने के लिए करता है.
  • Labelle data एक तरह का इनपुट डेटा होता है जो पहले से ही मशीन के पास मौजूद होता है और इस डेटा को analyze करके सिस्टम output data की भविष्वाणी करता है।
  • सरल शब्दो में इसे समझे तो supervised learning एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे सिस्टम input data की मदद से  यूजर को सही output data प्रदान करता है।
  • Supervised learning निगरानी (supervision) पर आधारित लर्निंग होती है। जैसे कि – एक student (छात्र) टीचर की निगरानी में चीजों को सीखता है.
  • Supervised learning का उपयोग कई जगहों पर किया जाता है जैसे Risk Assessment, Image classification, Fraud Detection, और spam filtering का पता लगाने के लिए।

Unsupervised learning in Hindi – अनसुपरवाइज्ड लर्निंग क्या है?

  • unsupervised learning मशीन लर्निंग एक प्रकार है जो supervised learning का उल्टा होता है। सरल शब्दो में कहे तो “इसमें unlabeled data का इस्तेमाल मशीन को ट्रेनिंग देने के लिए किया जाता है.”
  • यह एक ऐसी learning है जिसमें machine बिना किसी निगरानी (supervision) के चीजों को सीखती है.
  • Unsupervised learning का प्रयोग बहुत बड़ी मात्रा के डेटा से उपयोगी insights प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
  • Unsupervised learning model मनुष्य की तरह सोचने में सक्षम होते है, जैसे मनुष्य की तरह behave (व्यवहार) करना , कार्य करना और सोचना आदि .

Advantages of Machine Learning in Hindi – मशीन लर्निंग के फायदे

  1. machine learning मशीन को advance और modern बनाने में मदद करता है जिसके चलते मशीन इंसानो की तरह सोच और समझ सकता है और इंसानो की तरह ही किसी कार्य को आसानी से पूरा कर सकता है।
  2. यह पुराने इनपुट डेटा की मदद से आउटपुट डेटा की भविष्यवाणी करने में सक्षम होते है जिससे यूजर को future के डेटा का पता चल जाता है। हालांकि यह डेटा पूरी तरह से सटीक नहीं होते लेकिन यूजर को भविष्य’ में होने वाली घटनाओ का idea ज़रूर मिल जाता है।
  3. यह छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने में मदद करता है जिसके चलते छात्र आसानी से उच्च स्तरीय (high level) शिक्षा को प्राप्त कर सकते है।
  4. मशीन लर्निंग छात्रों को ऐसी तकनीक प्रदान करता है जिसकी मदद से छात्र किसी भी चीज़ के बारे में आसानी से रिसर्च कर सकते है।
  5. यह pateint (मरीज) की बीमरियों का पता लगाने में मदद करती है जिसके चलते सही बीमारी का पता लगाया जा सकता है।
  6. आज के समय में डॉक्टर के पास ऐसी ऐसी तकनीक और devices है जो पेशेंट की बीमारियों का पता आसानी से लगा लेते है। यह सब मशीन लर्निंग की वजह से सम्भव हो पाया है।
  7. यह इंसानो की तुलना में ज्यादा मात्रा में data को review और analyze कर सकता है और इंसानो की तुलना में ज्यादा सटीक भविष्यवाणी भी कर सकता है।
  8. इसके अलावा मशीन लर्निंग में पुराना data history के रूप में स्टोर रहता है जिसका उपयोग future data को predict करने के लिए भी किया जाता है।
  9. इसमें किसी काम को आसानी से पूरा किया जा सकता है क्योकि मशीन लर्निंग में ज्यादातर कार्य automatic होते है। मशीन लर्निंग के एल्गोरिथ्म को यह पता होता है की उसे किस समय कोनसा काम करना है जो इसके सोचने समझने की शक्ति को दर्शाता है।

Difference between Machine Learning and Artificial Intelligence in Hindi – मशीन लर्निंग और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के बीच अंतर

Artificial intelligenceMachine learning
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसी तकनीक है जो मशीन को मानव की तरह व्यवहार करने में सक्षम बनाती है।मशीन लर्निंग AI का एक प्रकार है जिसमें मशीन data से सीखता है.
AI का लक्ष्य इंसानों की तरह कठिन समस्याओं को हल करने के लिए एक स्मार्ट कंप्यूटर सिस्टम बनाना है।ML का लक्ष्य मशीनों को डेटा से सीखने की अनुमति देना है ताकि वे सटीक आउटपुट दे सकें।
AI में, हम इंसान की तरह किसी भी काम को करने के लिए इंटेलिजेंट सिस्टम बनाते हैं।ML में, हम किसी विशेष कार्य को करने और सटीक परिणाम देने के लिए मशीनों को सिखाते हैं।
AI के तीन प्रकार होते हैं- Weak AI, Strong AI, और General AI.इसके चार प्रकार होते है- supervised, unsupervised, semi-supervised और reinforcement learning.

4. Deep Learning: A Subset of Machine Learning

  1. डीप लर्निंग, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) का एक तरीका है, जो कंप्यूटर को मानव मस्तिष्क की तरह डेटा प्रोसेस करने सिखाता है.
  2.  डीप लर्निंग, मशीन लर्निंग का एक उपसमूह है. डीप लर्निंग में, तंत्रिका नेटवर्क का इस्तेमाल करके, मानव मस्तिष्क के व्यवहार की नकल की जाती है. 
  3. डीप लर्निंग के ज़रिए, कंप्यूटर डेटा पैटर्न, शोर, और गलतफ़हमी के स्रोतों को समझ सकता है.
  4.  डीप लर्निंग मॉडल, कॉम्प्लेक्स तस्वीरों, टेक्स्ट, आवाज़ों, और दूसरे डेटा पैटर्न को पहचानकर सटीक जानकारी और भविष्यवाणियां दे सकते हैं. 

आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर विज्ञान का एक क्षेत्र है. इसमें कंप्यूटर को “स्मार्ट” बनाने की कोशिश की जाती है. मशीन लर्निंग, AI का एक हिस्सा है. मशीन लर्निंग में, एल्गोरिदम के आधार पर सिस्टम खुद सीखते हैं


5. AI in Everyday Lifeअपना फ़ोन फेस आईडी से खोलें

  1. जब आप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बारे में खबरें सुनते हैं, तो यह मान लेना आसान हो सकता है कि इसका आपसे कोई लेना-देना नहीं है।
  2. आप सोच सकते हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस केवल कुछ ऐसी चीज है जिस पर बड़ी टेक दिग्गज कंपनियां ध्यान केंद्रित करती हैं, और यह कि AI आपके रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित नहीं करता है।
  3. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सामना ज्यादातर लोग सुबह से लेकर रात तक करते हैं। यहाँ 10 बेहतरीन उदाहरण दिए गए हैं कि कैसे AI पहले से ही हमारे रोजमर्रा के जीवन में उपयोग किया जा रहा है।
  4. हर सुबह सबसे पहले लोग अपने स्मार्टफोन को खोलते हैं। और, जब आपका डिवाइस बायोमेट्रिक्स जैसे कि फेस आईडी का उपयोग करके अनलॉक होता है, तो यह उस कार्यक्षमता को सक्षम करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करता है। 
  5. Apple ka Face ID – 3D में देख सकता है। यह आपके चेहरे को रोशन करता है और उस पर 30,000 अदृश्य इंफ्रारेड डॉट्स लगाता है और एक छवि कैप्चर करता है।
  6. फिर यह मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का उपयोग करके आपके चेहरे के स्कैन की तुलना आपके चेहरे के बारे में संग्रहीत जानकारी से करता है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि फोन को अनलॉक करने का प्रयास करने वाला व्यक्ति आप हैं या नहीं।
  7. Apple का कहना है कि FaceID को बेवकूफ़ बनाने की संभावना दस लाख में एक है।

What is AI? Power of AI in Social Media

  1. अपने फोन को अनलॉक करने के बाद, आगे क्या होता है? बहुत से लोग रात भर में क्या हुआ, इस बारे में अपडेट पाने के लिए फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और अन्य सहित अपने सोशल मीडिया अकाउंट चेक करते हैं। 
  2. न केवल ताकि आप अपने फ़ीड पर जो देखते हैं उसे वैयक्तिकृत कर सकें (क्योंकि यह जान गया है कि पिछले इतिहास के आधार पर किस प्रकार के पोस्ट आपको सबसे अधिक पसंद आते हैं),
  3. यह मित्र सुझावों का पता लगा रहा है, फर्जी खबरों की पहचान कर उन्हें फ़िल्टर कर रहा है और मशीन लर्निंग साइबरबुलिंग को रोकने के लिए काम कर रही है।

AI is already influencing many aspects of our lives, often in ways we don’t even realize. Here are some examples:

  • Healthcare: AI aids in diagnosing diseases, personalizing treatment plans, and even performing surgeries with robotic precision.
  • Entertainment: Streaming services like Netflix use AI to recommend movies and shows based on your viewing habits.
  • Finance: AI algorithms help detect fraud, analyze stock market trends, and offer personalized financial advice.
  • Retail: AI-powered chatbots and recommendation engines help enhance customer service and boost sales.
  • Transportation: Self-driving cars and AI-based traffic management systems are revolutionizing how we move.

E- Mail ya Message?

  1. हममें से ज़्यादातर लोग हर दिन एक ईमेल (या कई) भेजते हैं। जब आप अपना ईमेल लिखते हैं तो Grammarly और स्पेल चेक जैसे उपकरण सक्रिय हो जाते हैं ताकि आपको त्रुटियों से मुक्त संदेश तैयार करने में मदद मिल सके।
  2. ये उपकरण कृत्रिम बुद्धिमत्ता और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण का उपयोग करते हैं। आपके संदेशों को प्राप्त करने के अंत में, स्पैम फ़िल्टर कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करके या तो उन ईमेल को ब्लॉक करते हैं जिन्हें स्पैम माना जाता है या किसी ईमेल को आपके प्राप्तकर्ता द्वारा अपने इनबॉक्स में प्राप्त किए जाने के रूप में पहचाना जाता है।
  3. एंटी-वायरस सॉफ़्टवेयर आपके ईमेल खाते की सुरक्षा के लिए मशीन लर्निंग का भी उपयोग करता है।

Google Search:

  1. हममें से ज़्यादातर लोग Google पर किसी उत्तर या उत्पाद के लिए खोज किए बिना एक दिन भी नहीं रह सकते, जिसके बिना हम रह नहीं सकते। सर्च इंजन पूरे इंटरनेट को स्कैन करके आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता के बिना वह नहीं दे सकते जो आप चाहते हैं।
  2. वे विज्ञापन जो आपको हर जगह फॉलो करते हैं? जी हाँ, वे AI द्वारा सक्षम हैं, आपके सर्च हिस्ट्री पर आधारित हैं और आपके लिए वैयक्तिकृत हैं, जिसका लक्ष्य आपके सामने ऐसी चीज़ें लाना है, जिनके बारे में एल्गोरिदम का मानना ​​है कि आप उन्हें महत्व देंगे।

6. Ethical Considerations and AI– एआई नैतिकता क्या है?

एआई नैतिकता मार्गदर्शक सिद्धांतों का समूह है जिसका उपयोग हितधारक (इंजीनियरों से लेकर सरकारी अधिकारियों तक) यह सुनिश्चित करने के लिए करते हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीक का विकास और उपयोग जिम्मेदारी से किया जाए। इसका मतलब है कि एआई के लिए सुरक्षित, संरक्षित, मानवीय और पर्यावरण के अनुकूल दृष्टिकोण अपनाना। 

एक मजबूत एआई आचार संहिता में पक्षपात से बचना, उपयोगकर्ताओं और उनके डेटा की गोपनीयता सुनिश्चित करना और पर्यावरणीय जोखिमों को कम करना शामिल हो सकता है। कंपनियों में आचार संहिता और सरकार के नेतृत्व वाले विनियामक ढांचे दो मुख्य तरीके हैं जिनसे एआई नैतिकता को लागू किया जा सकता है। वैश्विक और राष्ट्रीय नैतिक एआई मुद्दों को कवर करके और कंपनियों में नैतिक एआई के लिए नीतिगत आधार तैयार करके, दोनों दृष्टिकोण एआई तकनीक को विनियमित करने में मदद करते हैं।

अधिक व्यापक रूप से, एआई नैतिकता के बारे में चर्चा अकादमिक शोध और गैर-लाभकारी संगठनों के इर्द-गिर्द केंद्रित होने से आगे बढ़ गई है। आज, आईबीएम , गूगल और मेटा जैसी बड़ी तकनीकी कंपनियों ने भारी मात्रा में डेटा एकत्र करने से उत्पन्न होने वाले नैतिक मुद्दों से निपटने के लिए टीमों को इकट्ठा किया है। साथ ही, सरकार और अंतर-सरकारी संस्थाओं ने अकादमिक शोध के आधार पर नियम और नैतिकता नीति तैयार करना शुरू कर दिया है।


7. The Future of AI: Opportunities and Challenges

हाल के दिनों में AI का इस्तेमाल बढ़ा है और कहा जा रहा है कि भविष्य में इसके द्वारा उन सभी कार्यों को किया जा सकेगा जो एक इंसान करता है। इसके ज़रिये कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास किया जाता है जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क काम करता है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता और संबंधित प्रौद्योगिकियाँ – जैसे मशीन लर्निंग, बड़े भाषा मॉडल और तंत्रिका नेटवर्क – तीव्र गति से आगे बढ़ रहे हैं। जैसे-जैसे दैनिक जीवन और कार्य में एआई का उपयोग बढ़ रहा है, राष्ट्रीय अकादमियाँ देश को एआई के उपयोग, नीति, नैतिकता और विकास पर सलाह दे रही हैं।

आज का दौर तेजी से बदल रहा है, और AI का विकास इसी का हिस्सा है। आने वाले वक्त में और नई तकनीकें हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बनेंगी। ऐसे में जरूरी है कि हम खुद को लचीला बनाएं और इन बदलावों के लिए खुद को तैयार करें। जब हम नई संभावनाओं के लिए दरवाजे खुले रखते हैं तो भविष्य की अनिश्चितताओं को ज्यादा आसानी से संभाल सकते हैं


Conclusion

अगर आपके लिए (History of Artificial Intelligence in Hindi – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इतिहास) का यह पोस्ट उपयोगी रहा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य share कीजिये. और आपके जो भी questions हो उन्हें नीचे comment करके बताइए. धन्यवाद.

एआई अपनाने के लिए रणनीति और कार्यान्वयन, जोखिम प्रबंधन और एआई-सक्षम कार्यबल की आवश्यकता होती है। भारतीय फर्मों के डिजिटलीकरण पर महामारी के प्रभाव के परिणामस्वरूप कई मुद्दे सामने आए हैं। शिक्षा और उद्योग में एआई को बढ़ावा देने से राष्ट्रीय स्तर पर इसके विकास और कार्यान्वयन में वृद्धि हो सकती है

AI, जिसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसी तकनीक है जिसमें मानव जैसी समस्या-समाधान क्षमताएँ होती हैं। एआई क्रिया में मानव बुद्धिमत्ता का अनुकरण करता हुआ प्रतीत होता है – यह छवियों को पहचान सकता है, कविताएँ लिख सकता है और डेटा-आधारित भविष्यवाणियाँ कर सकता है।

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